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लखनऊ: नज़ाकत, तहज़ीब और मोहब्बत का शहर
लखनऊ सिर्फ एक शहर नहीं, एक एहसास है। इसकी हवाओं में शायरी है, इसकी गलियों में नज़ाकत, और इसकी ज़बान में तहज़ीब रच-बस गई है। नवाबी अंदाज़ से लेकर चिकनकारी तक, हर चीज़ में इसकी अपनी खासियत है जो इसे देश के अन्य शहरों से अलग बनाती है।
शहर जो शायरी में जीता है
लखनऊ की हर शाम में एक ग़ज़ल सी रवानी होती है। चाहे पुराने बाज़ार हों या इमामबाड़ा की दीवारें, हर कोना अपनी एक दास्तान कहता है। इस शहर में शायरी महज़ कला नहीं, एक ज़िंदगी जीने का अंदाज़ है।
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लखनऊ की रूह को समर्पित कुछ पंक्तियाँ
अगर आपने लखनऊ को महसूस किया है, तो ये शायरी आपके दिल के करीब ज़रूर होगी। इन पंक्तियों में वो महक, वो अदब, और वो मोहब्बत है जो इस शहर की पहचान है।
10 बेहतरीन Shayari on Lucknow
लखनऊ की फिज़ा में जो बात है जनाब, वो नज़्मों में ढली हर रात है जनाब।
नवाबों का शहर है ये, तहज़ीब का नाम, जहाँ लबों पे मुस्कान और दिलों में सलाम।
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हर गली में कहानी है, हर नुक्कड़ पे ग़ज़ल, लखनऊ की बात ही कुछ और है असल।
यहाँ इश्क भी अदब से होता है, और शायरी चाय की चुस्कियों में खोता है।
लखनऊ का हर लम्हा इत्र सा महकता है, और यहाँ की मिट्टी में भी तहज़ीब बहकता है।
सिवइयां हो या तहज़ीब, सब कुछ खास है, लखनऊ का अंदाज़ ही कुछ अलग बात है।
बोलचाल में मिठास, व्यवहार में शराफ़त, लखनऊ का हर बाशिंदा करता है मोहब्बत।
यहाँ इमारतें भी शायरी करती हैं, और हवाएं ग़ज़लों की तरह बहती हैं।
नज़रों में नज़ाकत, बातों में सलीका, लखनऊ है दिल वालों का पुराना तरीका।
जब भी किसी शहर की बात हो खास, लखनऊ सबसे पहले आता है पास।
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अगर लखनऊ आपके दिल में बसता है, तो इन शायरियों को अपने दोस्तों, परिवार और चाहने वालों के साथ WhatsApp, Facebook, Twitter, Instagram और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ज़रूर साझा करें। शायद किसी की यादें फिर से ताज़ा हो जाएँ और किसी को इस नवाबी शहर से मोहब्बत हो जाए।