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मजबूरी शायरी दिल के उन जज़्बातों की आवाज़ है, जिन्हें शब्दों में बयां करना आसान नहीं होता। जब इंसान हालात से समझौता करता है, तो उसकी पीड़ा और मजबूरी शेर-ओ-शायरी के रूप में सामने आती है। इन शेरों में इंसान की बेबसी, दर्द और टूटे हुए अरमान की सच्चाई झलकती है।
हर किसी की ज़िंदगी में ऐसे पल आते हैं जब चाह कर भी बहुत कुछ नहीं कर पाते। यही मजबूरी हमें भावुक बना देती है और हमारी आत्मा तक को छू लेती है। मजबूरी शायरी इन एहसासों को गहराई से दर्शाती है और पाठकों के दिल तक आसानी से पहुँच जाती है।
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चाहे मोहब्बत में बेबसी हो या रिश्तों की दुविधा, मजबूरी शायरी हर स्थिति को शब्दों में ढाल देती है। इसका असर दिल को न केवल गहरा कर देता है बल्कि इंसान को सोचने पर भी मजबूर कर देता है।
दिल को छू जाने वाली मजबूरी शायरी
मजबूरी में जब कोई जुदा होता है,
तो दिल के टुकड़े दर्द से भरा होता है।
इश्क़ में हार कर भी जीते रहते हैं,
पर मजबूरी में आंसू पीते रहते हैं।Advertisement
हर ख्वाब अधूरा लगता है मुझे,
जब मजबूरी से जुदा करता है तू मुझे।
मजबूरी ने छीन ली हर खुशी मेरी,
अब तो आंखें भी कहती हैं कहानी तेरी।
जो चाहत थी कभी दिल के करीब,
मजबूरी ने कर दिया उसे नसीब।
मजबूरी में हंसी भी रोने लगती है,
रिश्तों की डोर भी टूटने लगती है।
तेरी यादों को छुपा नहीं सकता मैं,
मजबूरी में जी रहा हूं तेरे बिन मैं।
हर मोहब्बत अधूरी रह जाती है,
जब मजबूरी बीच में आ जाती है।
मजबूरी ने दिल को तोड़ दिया,
हर ख्वाब को जैसे छोड़ दिया।
ना चाह कर भी मजबूरी का सहारा लेना पड़ा,
दिल रोया बहुत मगर हालात से कहना पड़ा।
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मजबूरी शायरी सिर्फ पढ़ने के लिए नहीं है, इसे दोस्तों और अपने करीबियों के साथ भी साझा किया जा सकता है। आप इन्हें WhatsApp, Facebook, Twitter, Instagram, Telegram जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर शेयर कर सकते हैं। जब यह शेर आपके दोस्तों और परिवार तक पहुंचते हैं, तो वे भी उन एहसासों को महसूस करते हैं जो आपके दिल में हैं।