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कभी कभी शायरी उन एहसासों की झलक है जो इंसान के दिल से निकलकर सीधे अल्फ़ाज़ों में ढल जाती है। इसमें मोहब्बत भी है, जुदाई भी है और वो खामोशी भी, जिसे बयाँ करना आसान नहीं होता।
कभी कभी शायरी हमें उन लम्हों की याद दिलाती है जब दिल अचानक भावुक हो जाता है। यह शायरी रिश्तों की मिठास, दर्द की गहराई और ज़िंदगी की हक़ीक़त को बड़ी नर्मी से पेश करती है।
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शायर अपने अल्फ़ाज़ों में “कभी कभी” का इस्तेमाल करके दिल की बदलती धड़कनों और इंसानी जज़्बातों को बखूबी बयान करते हैं। कभी कभी शायरी में वही सादगी है, जो दिल के सबसे गहरे अहसासों तक पहुँचती है।
आज भी कभी कभी शायरी पढ़ना और सुनना दिल को सुकून देता है। यह इंसान को अपने बीते हुए लम्हों से जोड़ देती है और उस जज़्बात को ताज़ा कर देती है जिसे हम अक्सर छुपा लेते हैं।
कभी कभी शायरी संग्रह
कभी कभी तेरी यादें यूँ आती हैं, जैसे चुपके से कोई दिल को छू जाए।
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कभी कभी मुस्कान में भी दर्द छुपा होता है, और कोई उसे देख ही नहीं पाता।
कभी कभी खामोशी भी बहुत कुछ कह जाती है।
कभी कभी मोहब्बत अधूरी रहकर भी पूरी लगती है।
कभी कभी सफ़र छोटा सा होता है, मगर यादें उम्रभर साथ चलती हैं।
कभी कभी आँखें कह देती हैं, जो लफ़्ज़ भी नहीं कह पाते।
कभी कभी जुदाई का दर्द भी मोहब्बत की ताक़त बन जाता है।
कभी कभी इंसान अपनी तन्हाई में ही सबसे ज़्यादा सुकून पाता है।
कभी कभी मोहब्बत किसी दुआ जैसी लगती है।
कभी कभी ग़म भी दिल को समझने का रास्ता बन जाते हैं।
कभी कभी शायरी और सोशल मीडिया
आज के समय में कभी कभी शायरी लोग अक्सर WhatsApp पर स्टेटस, Facebook पर पोस्ट और Twitter पर छोटे संदेश के रूप में साझा करते हैं। Instagram पर इसकी पंक्तियाँ तस्वीरों और रील्स के साथ खूबसूरती से दिखाई देती हैं। यह शायरी दिल से निकली होती है, इसलिए हर प्लेटफ़ॉर्म पर लोगों को जोड़ने और जज़्बातों को साझा करने का काम करती है।