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डॉ. अल्लामा मुहम्मद इक़बाल की शायरी न केवल उर्दू में, बल्कि हिंदी में भी अनुवाद और भावार्थ के साथ लोगों तक पहुंची है। उनकी पंक्तियाँ जीवन, आत्मसम्मान, मेहनत और सपनों की उड़ान पर गहरी छाप छोड़ती हैं। Iqbal Shayari in Hindi आज भी लोगों के दिलों को प्रेरित करती है और नई पीढ़ियों को अपने विचारों और आदर्शों से जोड़ती है।
इक़बाल की शायरी हर उस इंसान के लिए है जो अपनी सीमाओं को तोड़कर नई ऊँचाइयों को छूना चाहता है। उनके शब्द केवल साहित्य नहीं बल्कि जीवन जीने का एक दर्शन प्रस्तुत करते हैं। हिंदी भाषा में प्रस्तुत उनकी शायरी हर वर्ग के लिए सुलभ और भावनाओं से परिपूर्ण है।
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चाहे वह मातृभूमि के प्रति समर्पण की बात हो या आत्मविश्वास को जगाने का संदेश, उनकी शायरी कालातीत है। Iqbal Shayari in Hindi पढ़ते समय एक गहरी अनुभूति होती है, मानो यह पंक्तियाँ सीधे दिल से निकलकर आत्मा को छू रही हों।
Iqbal Shayari in Hindi
ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले,
खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है।
सितारों से आगे जहाँ और भी हैं,
अभी इश्क़ के इम्तिहान और भी हैं।Advertisement
तू शाहीन है, परवाज़ है काम तेरा,
तेरा सामने आसमान और भी हैं।
ख़ुदी का सर-निहाँ ला इलाहा इल्लल्लाह,
ख़ुदी है तर्जुमान ला इलाहा इल्लल्लाह।
मिटा दे अपनी हस्ती को अगर कुछ मर्तबा चाहे,
कि दाना ख़ाक में मिलकर गुल-ओ-गुलज़ार होता है।
हजारों साल नर्गिस अपनी बेनूरी पे रोती है,
बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा।
अज़्म-ए-आला हो तो बनता है खुदा बंदा भी,
आदमी सोच ले तो बदल सकता है ज़माना।
मुहब्बत मुझे उन नौजवानों से है,
सितारे जिनके सफ़र का इरादा हैं।
ख़ुदी रहस्य है इन्सान का, खोजना इसे है,
यही है जीवन का सच, जानना इसे है।
तू न सोच किस्मत बदल जाएगी यूँ ही,
मेहनत कर, ये ही तेरे सपनों की चाबी है।
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