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Galib Ki Shayari

Galib Ki Shayari

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Galib Ki Shayari दिलों को छू लेने वाली उस शैली का नाम है, जिसमें भावनाओं और जीवन के अनुभवों को बेहद खूबसूरती से शब्दों में पिरोया गया है। ग़ालिब का नाम उर्दू और हिंदी साहित्य में वह स्थान रखता है, जिसे कोई और नहीं ले सकता।

उनकी लिखी शायरी मोहब्बत, दर्द, उम्मीद और इंसानी रिश्तों की गहराई को बखूबी बयान करती है। यही कारण है कि हर दौर में उनकी पंक्तियाँ नई पीढ़ी को भी उतनी ही प्रभावित करती हैं जितनी उनके समय में करती थीं।

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पढ़ने वाले अक्सर उनके शब्दों में अपनी भावनाओं का आईना देख लेते हैं। डिजिटल युग में भी लोग अपने एहसासों को बयां करने के लिए सुंदर shayari का सहारा लेते हैं और ग़ालिब की शायरी इसमें सबसे आगे मानी जाती है।

Galib Ki Shayari हर दिल को जोड़ती है। यह सिर्फ शब्दों का खेल नहीं बल्कि आत्मा की आवाज़ है, जो सदा अमर रहेगी।

Galib Ki Shayari

हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले, बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले।

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दिल ढूंढता है फिर वही फ़ुर्सत के रात-दिन, बैठे रहें तसव्वुर-ए-जानाँ किए हुए।

ना था कुछ तो ख़ुदा था, कुछ न होता तो ख़ुदा होता, डुबोया मुझको होने ने, न होता मैं तो क्या होता।

बस कि दुश्वार है हर काम का आसां होना, आदमी को भी मयस्सर नहीं इंसां होना।

ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता, अगर और जीते रहते यही इंतज़ार होता।

हुई मुद्दत कि ग़ालिब मर गया पर याद आता है, वो हर इक बात पे कहना कि यूँ होता तो क्या होता।

रंज से ख़ूगर हुआ इंसान तो मिट जाता है रंज, मुश्किलें मुझ पर पड़ीं इतनी कि आसां हो गईं।

तेरे वादे पर जिए हम तो ये जान झूठ जाना, कि ख़ुशी से मर न जाते अगर ए’तबार होता।

इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ‘ग़ालिब’, कि लगाए न लगे और बुझाए न बने।

हर एक बात पे कहते हो कि तू क्या है, तुम्हीं कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तगू क्या है।

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Galib Ki Shayari को लोग आज भी WhatsApp, Facebook, Instagram और Twitter पर साझा करते हैं। चाहे स्टेटस हो, कैप्शन या किसी दोस्त को भेजना हो, ग़ालिब की शायरी हर भाव को गहराई से बयान करती है और बातचीत को ख़ास बना देती है।

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