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Bebasi Shayari वह एहसास है जब दिल बहुत कुछ कहना चाहता है, लेकिन ज़ुबान खामोश रह जाती है। यह शायरी उन लम्हों को बयाँ करती है जब इंसान खुद से भी कुछ नहीं कह पाता।
हर किसी की ज़िंदगी में ऐसे पल आते हैं जब हालात हमारे बस में नहीं होते। ऐसे वक्त में शब्दों की ताकत दिल का बोझ हल्का कर देती है, और बेबसी की ये पंक्तियाँ उसी दिल की आवाज़ बन जाती हैं।
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बेबसी सिर्फ दर्द नहीं, एक एहसास है — जो इंसान को और गहराई से महसूस करना सिखाती है। कुछ बातें हम कह नहीं पाते, लेकिन शायरी के ज़रिए वो अहसास जिंदा रह जाते हैं।
अगर आप भी दिल की सच्ची आवाज़ ढूंढ रहे हैं, तो shayari पर ऐसे ही अनगिनत अल्फाज़ मिलेंगे जो आपके जज़्बात को छू लेंगे।
Bebasi Shayari
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता, कहीं ज़मीन तो कहीं आसमान नहीं मिलता।
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जिससे उम्मीद थी साथ निभाने की, वही सबसे पहले सफर में छोड़ गया।
ज़िंदगी भर का साथ मांगा था तुझसे, तूने पल भर में रिश्ता खत्म कर दिया।
खामोशियों में भी शोर है मेरा, तू सुने तो सही — दिल अब भी तेरा है।
जिसे चाहा था वो मिला नहीं, और जो मिला वो कभी अपना नहीं लगा।
हर मुस्कान के पीछे दर्द छिपा है, कोई समझे तो सही, कोई देखे तो सही।
तू सामने होकर भी दूर लगता है, तेरे बिना अब खुद से डर लगता है।
बेबसी का आलम कुछ ऐसा है, हंस भी दूँ तो आंसू निकल आते हैं।
वो पूछता है अब क्यों खामोश हूँ, क्या बताऊँ — अब सवाल भी थक गए हैं।
दिल कहता है छोड़ दूँ तुझसे मोहब्बत, पर हर धड़कन तेरा नाम लेती है।
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कभी-कभी जो बातें हम बोल नहीं पाते, वही बातें शायरी बयां कर देती हैं। इसलिए इन पंक्तियों को अपने दोस्तों, प्रियजनों या सोशल मीडिया पर शेयर करें ताकि कोई और भी अपने दिल की बात महसूस कर सके।
बेबसी की शायरी सिर्फ उदासी नहीं, बल्कि एहसासों की गहराई है — जहाँ दर्द भी खूबसूरत लगता है।