Advertisement
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ उर्दू और हिंदी शायरी के सबसे प्रभावशाली कवियों में गिने जाते हैं। उनकी रचनाओं में मोहब्बत की नज़ाकत, समाज के दर्द और इंसानियत की पुकार साफ़ झलकती है। Faiz Ahmed Faiz Shayari in Hindi आज भी दिलों में वही ताजगी और असर पैदा करती है, जो उनके समय में हुआ करती थी।
फ़ैज़ की शायरी में न सिर्फ़ इश्क़ की बातें होती हैं, बल्कि सामाजिक बदलाव और इंसाफ़ की आवाज़ भी सुनाई देती है। यही कारण है कि उनकी पंक्तियाँ हर पीढ़ी को प्रभावित करती हैं। उनके अल्फ़ाज़ आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने उस दौर में थे।
Advertisement
आजकल लोग उनकी शायरी को सोशल मीडिया पर साझा करके अपने जज़्बात बयां करते हैं। चाहे व्हाट्सएप स्टेटस हो, फेसबुक पोस्ट, ट्विटर ट्वीट या इंस्टाग्राम कैप्शन – हर जगह यह पंक्तियाँ दिल को छू जाती हैं। इस अनुभव को और गहरा करने के लिए आप shayari जैसे स्रोतों का सहारा भी ले सकते हैं।
फ़ैज़ की शायरी सिर्फ़ अल्फ़ाज़ नहीं, बल्कि वह एहसास है जिसे हर इंसान अपने तरीके से महसूस करता है। उनकी रचनाएँ हमें याद दिलाती हैं कि मोहब्बत और इंसानियत हमेशा सबसे अहम रहनी चाहिए।
Faiz Ahmed Faiz Shayari in Hindi
और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा,
राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा।Advertisement
मुझसे पहली सी मोहब्बत मेरे महबूब न माँग,
मैंने समझा था कि तू है तो दरख़्शाँ है हयात।
हम परवरिश-ए-लौह-ओ-क़लम करते रहेंगे,
जो दिल पे गुज़रेगी, लिखते रहेंगे।
गुलों में रंग भरे, बाद-ए-नौबहार चले,
चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले।
निगाह-ए-गर्म-ए-ख़याल तुझ पे जहाँ ठहरे,
वहाँ बहारों का आलम, वहाँ चमन होगा।
कभी तो सुबह ढलेगी, कभी तो रात कटेगी,
तुम्हारे साथ गुज़रेगी हमारी ज़िन्दगी।
दिल नाउम्मीद तो नहीं, नाकाम ही तो है,
लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है।
बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे,
बोल ज़ुबाँ अब तक तेरी है।
नफ़रत की हर दीवार गिराने निकल पड़े,
हम मोहब्बत का पैग़ाम उठाने निकल पड़े।
तेरे होने से है दिल को करार,
तेरे जाने से है दुनिया वीरान।
इन पंक्तियों को आप आसानी से व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर साझा कर सकते हैं। यह न सिर्फ़ आपकी भावनाओं को व्यक्त करने का माध्यम है, बल्कि फ़ैज़ की आवाज़ को आगे बढ़ाने का भी सुंदर तरीका है।